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वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन (जीटीएस) 2025 – वैश्विक तकनीक के भविष्य को आकार देना

ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट (GTS) का 9वां संस्करण, जो विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और कार्नेगी इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है, 10 से 12 अप्रैल 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। यह शिखर सम्मेलन सरकार, उद्योग, अकादमिक जगत और नागरिक समाज सहित विभिन्न क्षेत्रों के वैश्विक नेताओं को एक साथ लाता है, जिसका उद्देश्य वैश्विक तकनीकी नीति को आकार देना है। थीम “संभावना” (जिसका अर्थ है संभावनाएं) के साथ, GTS 2025 उभरती हुई तकनीकों की भूमिका पर चर्चा करेगा कि कैसे वे समावेशी विकास को बढ़ावा दे सकती हैं, डिजिटल गवर्नेंस को बेहतर बना सकती हैं और सीमा-पार सहयोग को सुलभ बना सकती हैं। यह समिट विश्व की सबसे ज्वलंत तकनीकी चुनौतियों को संबोधित करेगा, जिसमें 40 से अधिक देशों के 150 से ज्यादा वक्ता भाग लेंगे। इसके साथ ही यह मंच युवा पेशेवरों को भी संवाद में भाग लेने और अपने विचार रखने का अवसर प्रदान करेगा।

मुख्य बिंदु 

कार्यक्रम का अवलोकन (Event Overview)

  • ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट (GTS) का 9वां संस्करण 10 से 12 अप्रैल 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित होगा।

  • यह भारत का प्रमुख भू-प्रौद्योगिकी संवाद है, जिसे विदेश मंत्रालय और कार्नेगी इंडिया संयुक्त रूप से आयोजित करते हैं।

  • समिट का उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर विचार करना है, जो समावेशी विकास को प्रोत्साहित करने, डिजिटल शासन को सुदृढ़ करने और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने में सहायक हो सकती हैं।

GTS 2025 की थीम – “संभावना”

  • इस वर्ष की थीम “संभावना” है, जिसका अर्थ है “Possibilities”

  • समिट में चर्चा होगी कि कैसे नई तकनीकें वैश्विक चुनौतियों के समाधान दे सकती हैं और समावेशी, सतत एवं नवोन्मेषी भविष्य की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं।

  • प्रमुख विषयों में शामिल हैं: डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, एआई गवर्नेंस, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष सुरक्षा, और अंतरराष्ट्रीय तकनीकी सहयोग

प्रमुख सत्र और वक्ता 

  • समिट में 40 से अधिक सार्वजनिक सत्र होंगे, जिनमें कीनोट भाषण, मंत्री संवाद, विशेषज्ञ पैनल, और रणनीतिक चर्चाएं शामिल हैं।

  • 40 से अधिक देशों के 150 से ज्यादा वक्ता भाग लेंगे — जिनमें अमेरिका, जापान, यूके, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, ब्राज़ील, यूएई जैसे देश प्रमुख हैं।

  • चर्चा के मुख्य विषय होंगे: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का शासन, डेटा संरक्षण, डिजिटल अवसंरचना, और अंतरिक्ष सुरक्षा का भविष्य

ग्लोबल साउथ और सहयोग पर फोकस 

  • समिट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ग्लोबल साउथ के देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने पर केंद्रित होगा।

  • चर्चा इस बात पर होगी कि कैसे उभरती तकनीकें साझा समस्याओं के समाधान में मदद कर सकती हैं और नवाचार व सतत विकास को प्रोत्साहित कर सकती हैं।

युवा आवाज़ों को मंच 

  • GTS 2025 में GTS यंग एंबेसडर्स प्रोग्राम के माध्यम से युवा पेशेवरों और छात्रों की भागीदारी को प्राथमिकता दी जाएगी।

  • वे डिजिटल भविष्य, उत्तरदायी AI, और वैश्विक तकनीकी मानदंडों जैसे मुद्दों पर नीति-निर्माण चर्चाओं में भाग लेंगे।

  • इस पहल का उद्देश्य भविष्य के नेताओं को तकनीकी नीति के निर्माण में सक्रिय भूमिका देना है।

उद्घाटन सत्र 

  • उद्घाटन भाषण भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर द्वारा दिया जाएगा।

  • उनका संबोधन भारत की वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की भूमिका, अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता, और तकनीकी शासन पर भारत की नीति पर केंद्रित रहेगा।

वैश्विक सहयोग का मंच 

  • यह समिट एआई, साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष तकनीक जैसे क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को मज़बूत करने का भी एक मंच होगा।

  • विविध नेताओं और हितधारकों को एक साथ लाकर GTS 2025 यह दिखाएगा कि कैसे तकनीक का उपयोग वैश्विक सार्वजनिक भलाई और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ाने में किया जा सकता है।

सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट (GTS) 2025 – वैश्विक तकनीक के भविष्य को आकार देना
स्थान व तिथि नई दिल्ली, भारत – 10 से 12 अप्रैल 2025
थीम “संभावना” – Sambhavna (कैसे उभरती तकनीकें विकास, शासन और वैश्विक सहयोग को बढ़ा सकती हैं)
मुख्य आयोजक भारत सरकार का विदेश मंत्रालय; कार्नेगी इंडिया
सत्रों की संख्या 40 से अधिक सार्वजनिक सत्र – प्रमुख भाषण, मंत्री संवाद, विशेषज्ञ पैनल, रणनीतिक चर्चाएं
वक्ता 150+ वक्ता, 40+ देशों से – अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ब्राज़ील, यूएई, फिलीपींस, यूरोपीय संघ आदि
मुख्य फोकस क्षेत्र एआई गवर्नेंस, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा संरक्षण, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष सुरक्षा, ग्लोबल साउथ में तकनीकी सहयोग
यंग एंबेसडर्स प्रोग्राम छात्रों व युवा पेशेवरों को डिजिटल भविष्य, उत्तरदायी एआई और तकनीकी मानदंडों पर नीति चर्चाओं में शामिल करना
उद्घाटन सत्र भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का संबोधन
वैश्विक सहयोग पर फोकस एआई, साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष तकनीक में साझेदारियों को सुदृढ़ करना
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