4 दिसंबर, 2024 को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य भर के होटलों, रेस्तराओं और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम की घोषणा की। मौजूदा कानूनों में संशोधन करने वाले इस फैसले का उद्देश्य सार्वजनिक और व्यावसायिक स्थानों पर गोमांस की खपत को और अधिक सख्ती से नियंत्रित करना है। यह प्रतिबंध, जो तुरंत प्रभावी होगा, मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों के आसपास पहले से लागू 5 किलोमीटर के दायरे से आगे तक फैल जाएगा।
सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस पर पूर्ण प्रतिबंध
- असम सरकार ने होटलों, रेस्तराओं और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है।
- सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित होने वाले समारोहों, समारोहों या कार्यक्रमों सहित किसी भी सार्वजनिक समारोह में गोमांस परोसने की अनुमति नहीं होगी।
पिछले प्रतिबंधों का विस्तार
- पहले, गोमांस पर प्रतिबंध केवल मंदिरों और हिंदुओं, सिखों और जैनियों की महत्वपूर्ण आबादी वाले क्षेत्रों के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में लागू था।
- नया कानून इस प्रतिबंध को पूरे राज्य में लागू करता है, जिससे सभी सार्वजनिक और सामुदायिक स्थान प्रभावित होते हैं।
निर्णय का कारण
- यह निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद लिया गया, जिसमें असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 में संशोधन किया गया।
- इस कानून का मूल उद्देश्य हिंदू बहुल क्षेत्रों या धार्मिक स्थलों के पास मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना था।
- सीएम सरमा ने जोर देकर कहा कि यह नया विनियमन असम के सांस्कृतिक मूल्यों, विशेष रूप से धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को संरक्षित करने के अनुरूप है।
राजनीतिक संदर्भ
- यह घोषणा एक राजनीतिक विवाद के बाद की गई है जिसमें सरमा ने कांग्रेस नेता रकीबुल हुसैन द्वारा मुस्लिम बहुल समागुरी में चुनाव जीतने के लिए भाजपा द्वारा कथित तौर पर गोमांस वितरित करने के दावों का जवाब दिया था।
- सरमा ने इन आरोपों को चुनौती देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस लिखित में मांग करती है तो वह गोमांस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं।
प्रतिबंध के निहितार्थ
- हालांकि असम में गोमांस का सेवन स्वयं अवैध नहीं है, लेकिन नए उपायों में सार्वजनिक स्थानों पर इसकी बिक्री और परोसने पर रोक है।
- इस नए विनियमन का उद्देश्य सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनशीलताओं के साथ तालमेल बिठाना है और इससे असम में खाद्य उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
सारांश/स्थिर जानकारी
पहलू | विवरण |
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समाचार में क्यों? | असम ने होटलों और सार्वजनिक स्थलों में बीफ के उपभोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया। |
किसके द्वारा लागू? | असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा। |
कानूनी पृष्ठभूमि | – असम कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट, 2021 में संशोधन। – पहले यह कानून मंदिरों और हिंदू बहुल क्षेत्रों के आसपास बीफ की बिक्री और वध पर रोक लगाता था। |
मुख्य बदलाव | – प्रतिबंध को मंदिरों के 5 किमी के दायरे से बढ़ाकर पूरे राज्य में लागू किया गया। |
प्रतिबंध का कारण | – सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करना। – बीफ उपभोग से संबंधित राजनीतिक विवादों को संबोधित करना। |
प्रभाव | – आतिथ्य और खाद्य उद्योग पर असर। – कानून सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाओं के अनुरूप है। |
राज्य कानून | असम कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट, 2021 अब विस्तारित प्रतिबंधों के साथ मवेशियों के वध और बीफ बिक्री को नियंत्रित करता है। |