भारत में हर साल 22 दिसंबर के दिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस गणित के महान विद्वान श्रीनिवास रामानुजन की याद में मनाया जाता है। दूसरी भाषा में कहें तो इस दिन को भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर, 1887 को तमिलनाडु के इरोड जिले में हुआ था।
राष्ट्रीय गणित दिवस 2024 – इतिहास
राष्ट्रीय गणित दिवस की घोषणा पहली बार 2012 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा की गई थी। यह महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के गणित में अभूतपूर्व योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।
श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड में हुआ था। औपचारिक गणित शिक्षा के बिना भी उन्होंने अनंत श्रेणी, संख्या सिद्धांत और सतत भिन्नों जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण खोजें कीं।
1913 में, रामानुजन ने ब्रिटिश गणितज्ञ जी.एच. हार्डी के साथ कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में काम करना शुरू किया। उनके सहयोग से कई महत्वपूर्ण शोध पत्र प्रकाशित हुए। 1918 में, रामानुजन रॉयल सोसाइटी के लिए चुने गए दूसरे भारतीय बने, जो उनके कार्य की उत्कृष्टता को दर्शाता है।
दुर्भाग्यवश, 26 अप्रैल 1920 को 32 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया, लेकिन गणित में उनका योगदान आज भी दुनिया भर के गणितज्ञों को प्रेरित करता है।
राष्ट्रीय गणित दिवस 2024 – महत्व
यह दिन रामानुजन के जीवन और योगदान का जश्न मनाने के साथ-साथ हमारे दैनिक जीवन में गणित के महत्व को उजागर करता है।
- गणित क्यों महत्वपूर्ण है: गणित दैनिक समस्याओं को हल करने से लेकर उन्नत तकनीकों को डिजाइन करने तक हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विज्ञान, इंजीनियरिंग और नवाचार में मुख्य आधार है।
- रामानुजन का सम्मान: यह दिन हमें रामानुजन की उपलब्धियों और औपचारिक शिक्षा के बिना गणित में उनकी क्रांतिकारी क्षमता की याद दिलाता है।
श्रीनिवास रामानुजन के बारे में रोचक तथ्य
- प्रारंभिक प्रतिभा: रामानुजन ने 12 वर्ष की आयु तक त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी और कठिन समस्याओं को हल किया, जिससे उनके शिक्षक चकित रह गए।
- हार्डी-रामानुजन सहयोग: जी.एच. हार्डी ने रामानुजन की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें कई महत्वपूर्ण शोध पत्र प्रकाशित करने में मदद की।
- संख्या 1729: हार्डी-रामानुजन संख्या के रूप में प्रसिद्ध, 1729 सबसे छोटी संख्या है जिसे दो अलग-अलग तरीकों से दो घनों के योग के रूप में व्यक्त किया जा सकता है:
1729=13+123=93+1031729 = 1^3 + 12^3 = 9^3 + 10^3। - सिनेमा में विरासत: रामानुजन के जीवन पर आधारित पुस्तक द मैन हू न्यू इनफिनिटी (रॉबर्ट कैनिगल द्वारा) को 2016 में फिल्म के रूप में प्रस्तुत किया गया।
यहां सारणीबद्ध प्रारूप में समाचार का सारांश दिया गया है:
श्रेणी | विवरण |
क्यों चर्चा में | भारत 22 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाता है, जो श्रीनिवास रामानुजन की जयंती का प्रतीक है। |
इतिहास | – 2012 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा घोषित। |
– श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड में हुआ था। | |
– उन्होंने अनंत श्रेणी, संख्या सिद्धांत, और सतत भिन्नों में क्रांतिकारी योगदान दिया। | |
– 1913 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में जी.एच. हार्डी के साथ सहयोग किया। | |
– 1918 में रॉयल सोसाइटी के लिए चुने जाने वाले दूसरे भारतीय बने। | |
– 26 अप्रैल 1920 को 32 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। | |
महत्व | – गणित के दैनिक जीवन, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और नवाचार में महत्व को उजागर करता है। |
– रामानुजन की गणितीय उपलब्धियों और विरासत का जश्न मनाता है। | |
रोचक तथ्य | – प्रारंभिक प्रतिभा: 12 वर्ष की आयु तक त्रिकोणमिति में महारत हासिल की। |
– सहयोग: जी.एच. हार्डी के साथ कई महत्वपूर्ण शोध पत्र प्रकाशित किए। | |
– संख्या 1729: हार्डी-रामानुजन संख्या, जो दो अलग-अलग तरीकों से दो घनों के योग के रूप में व्यक्त की जा सकती है: 1729 = 13+123=93+1031^3 + 12^3 = 9^3 + 10^313+123=93+103। | |
– फिल्म विरासत: रामानुजन के जीवन पर आधारित पुस्तक द मैन हू न्यू इनफिनिटी पर 2016 में फिल्म बनाई गई। |