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आईआईटी दिल्ली ने बनाया ‘AILA’

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के शोधकर्ताओं ने AILA (Artificially Intelligent Lab Assistant) नामक एक उन्नत एआई-आधारित प्रणाली विकसित की है। यह नवाचार मशीनों को न्यूनतम मानव हस्तक्षेप के साथ वास्तविक प्रयोगशाला प्रयोगों की स्वयं योजना बनाने, संचालन करने और विश्लेषण करने में सक्षम बनाता है। AILA का विकास भारत को एजेंटिक एआई (Agentic AI) आधारित प्रायोगिक विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी देशों की पंक्ति में खड़ा करता है—एक ऐसा क्षेत्र जो विश्वभर में अनुसंधान करने के तरीकों को तेजी से बदल रहा है। यह परियोजना दर्शाती है कि एआई अब केवल डेटा विश्लेषण तक सीमित नहीं है, बल्कि वास्तविक वैज्ञानिक परिवेश में सक्रिय निर्णय-निर्माण की भूमिका निभा रहा है।

AILA (आर्टिफिशियली इंटेलिजेंट लैब असिस्टेंट) क्या है?

AILA एक एआई एजेंट है जिसे मानव शोध सहायक की तरह कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्रयोग के उद्देश्यों को समझ सकता है,उन्हें पूरा करने के लिए आवश्यक चरणों का निर्धारण कर सकता है, और प्रयोगशाला उपकरणों का उपयोग करके उन चरणों को निष्पादित कर सकता है।

यह प्रणाली चैट-आधारित इंटरफेस के माध्यम से काम करती है, ठीक वैसे ही जैसे किसी चैटबॉट से बातचीत की जाती है। शोधकर्ता साधारण अंग्रेज़ी में निर्देश देते हैं, जिन्हें AILA निष्पादन योग्य कंप्यूटर कोड में बदल देता है। इससे AILA बिना निरंतर मानवीय निगरानी के प्रयोगों का प्रबंधन कर सकता है।

AILA के पीछे एजेंटिक एआई फ्रेमवर्क

AILA के केंद्र में एक एजेंटिक एआई फ्रेमवर्क है, जिसे मानव वैज्ञानिक की तरह तर्क, योजना और निर्णय-निर्माण क्षमताओं की नकल करने के लिए विकसित किया गया है। पारंपरिक एआई मॉडलों के विपरीत, जो तयशुदा निर्देशों का पालन करते हैं, एजेंटिक एआई प्रणालियाँ—

  • केवल निर्देशों के बजाय लक्ष्यों की व्याख्या कर सकती हैं,
  • बदलती प्रयोगात्मक परिस्थितियों के अनुसार अनुकूलन कर सकती हैं, और
  • परिणामों से सीखकर भविष्य की कार्रवाइयों में सुधार कर सकती हैं।

यह फ्रेमवर्क AILA को प्रयोगों की रूपरेखा बनाने, प्रगति की निगरानी करने, परिणामों का मूल्यांकन करने और अगला कदम तय करने में सक्षम बनाता है—जिससे यह एक साधारण ऑटोमेशन टूल नहीं, बल्कि एक स्वायत्त शोध एजेंट बन जाता है।

वैज्ञानिक उपकरणों का रियल-टाइम नियंत्रण

  • शोध दल ने AILA का सफल प्रदर्शन इसे एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोप (AFM) के साथ एकीकृत करके किया—जो सामग्री विज्ञान और नैनो-प्रौद्योगिकी में व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला अत्यंत उन्नत उपकरण है।
  • इस प्रदर्शन से यह सिद्ध हुआ कि AILA जटिल प्रयोगशाला उपकरणों को सीधे नियंत्रित कर सकता है।
  • शोधार्थी इंद्रजीत मंडल के अनुसार, AILA प्रयोगों के दौरान रीयल-टाइम निर्णय ले सकता है, मापदंडों को गतिशील रूप से समायोजित कर सकता है और मानव हस्तक्षेप के बिना डेटा का विश्लेषण कर सकता है। यह क्षमता महत्वपूर्ण है क्योंकि कई प्रयोगों में निरंतर निगरानी और सूक्ष्म समायोजन की आवश्यकता होती है—जिसे अब AILA स्वायत्त रूप से संभाल सकता है।

दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि

AILA का सबसे प्रभावशाली परिणाम है प्रयोगात्मक समय में भारी कमी। जो कार्य सामान्यतः घंटों या दिनों में पूरे होते थे, वे अब मिनटों में किए जा सकते हैं। इसके प्रमुख लाभ हैं—

  • तेज़ अनुसंधान चक्र और शीघ्र खोजें,
  • महंगे प्रयोगशाला उपकरणों का बेहतर उपयोग,
  • कुशल शोधकर्ताओं की उत्पादकता में वृद्धि,
  • हाई-थ्रूपुट प्रयोग (एक साथ अनेक प्रयोग) को समर्थन।

ये लाभ सामग्री खोज, नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी और अनुप्रयुक्त भौतिकी जैसे क्षेत्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

मुख्य बिंदु 

  • AILA का पूर्ण रूप: Artificially Intelligent Lab Assistant
  • विकसित किया गया: IIT दिल्ली के शोधकर्ताओं द्वारा
  • आधार: एजेंटिक एआई फ्रेमवर्क पर आधारित स्वायत्त प्रयोग
  • प्रदर्शन: एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोप (AFM) के साथ
  • प्रभाव: प्रयोगों का समय घंटों/दिनों से घटकर मिनटों में
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