रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) ने अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेवारत सैनिकों और COVID-19 रोगियों के लिए एक SpO2-आधारित पूरक ऑक्सीजन वितरण प्रणाली विकसित की है. यह स्वचालित प्रणाली SpO2 (रक्त ऑक्सीजन संतृप्ति) स्तरों के आधार पर पूरक ऑक्सीजन वितरित करती है और व्यक्ति को हाइपोक्सिया की स्थिति में डूबने से बचाता है, जो कि ज्यादातर मामलों में घातक होता है.
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हाइपोक्सिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें ऊतकों तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा शरीर की सभी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है. यह ठीक वैसी स्थिति है जो वायरस के संक्रमण के कारण एक COVID-19 रोगी में होती है और वर्तमान संकट की ओर ले जाती है, यदि COVID-19 रोगी का SpO2 स्तर 94 प्रतिशत से नीचे चला जाता है, तो उसे आम तौर पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है और अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक हो सकता है.
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- DRDO के अध्यक्ष: डॉ. जी सतीश रेड्डी.
- DRDO का मुख्यालय: नई दिल्ली.
- DRDO की स्थापना: 1958.