भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने 7 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) की 75वीं वर्षगांठ विज्ञान भवन, नई दिल्ली में धूमधाम से मनाई। यह कार्यक्रम साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण, डेटा-आधारित प्रशासन और विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों को जोड़ने के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया।
इस समारोह में मुख्य वक्तव्य, विशेषज्ञ चर्चाएँ, डायमंड जुबली प्रकाशनों का अनावरण और NSS के फील्डवर्क को प्रदर्शित करने वाले विशेष प्रदर्शन आयोजित किए गए।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ
1. उद्घाटन और स्वागत संबोधन
- स्मृति गीता सिंह राठौड़, महानिदेशक (NSS) ने उपस्थित गणमान्य लोगों का स्वागत किया।
- माननीय केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह (सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री) ने समारोह का उद्घाटन किया।
- NSS के रोजगार, उपभोग, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में नीति निर्माण में योगदान को रेखांकित किया गया।
- सरकार द्वारा आधुनिक तकनीकों के समावेश और सांख्यिकीय प्रणाली को मजबूत करने की प्रतिबद्धता पर बल दिया गया।
2. मुख्य वक्तव्य और संबोधन
अमिताभ कांत (भारत के G20 शेरपा) ने कहा:
- NSS ने 75 वर्षों में भारत की सामाजिक-आर्थिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- डेटा-आधारित नीति निर्माण भारत की प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है।
- आधुनिक नवाचार और प्रौद्योगिकी का उपयोग भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रखेगा।
डॉ. सौरभ गर्ग (सचिव, MoSPI) ने कहा:
- NSS ने विश्वसनीय डेटा प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने डेटा की उपलब्धता और सर्वेक्षण परिणामों को समय पर प्रस्तुत करने में सुधार किया है।
3. विशेष सम्मान और प्रकाशन अनावरण
माननीय मंत्री ने दो डायमंड जुबली प्रकाशनों का विमोचन किया:
- “राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की 75 वर्षों की यात्रा – घरेलू सर्वेक्षणों के लिए”।
- “राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण की 75 वर्षों की यात्रा – उद्यम सर्वेक्षणों के लिए”।
श्रेष्ठ NSO कर्मियों को ‘कर्मयोगी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
NSS टीम द्वारा एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसमें NSS सर्वेक्षणों के फील्डवर्क और उनके प्रभाव को दर्शाया गया।
4. विशेषज्ञ पैनल चर्चाएँ
(i) ‘विकसित भारत @ 2047 के लिए भविष्य-तैयार भारतीय सांख्यिकीय प्रणाली’
संचालन: डॉ. दलीप सिंह, ADG, ESD, MoSPI।
पैनलिस्ट:
- प्रो. चेतन घाते (निदेशक, IEG)।
- डॉ. शलभ (प्रोफेसर, IIT कानपुर)।
- सुश्री अदिति चौबाल (एसोसिएट प्रोफेसर, IIT बॉम्बे)।
- श्री मार्सिन पिआटकोव्स्की (कार्यक्रम प्रमुख, विश्व बैंक)।
प्रमुख चर्चा बिंदु:
- डेटा गैप को कम करने की आवश्यकता।
- सर्वेक्षणों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की भूमिका।
- नीति निर्माण में वास्तविक समय डेटा उत्पादन।
- डेटा नवाचार के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी को मजबूत करना।
(ii) ‘आर्थिक नीतियों को आकार देने में वैकल्पिक डेटा स्रोतों का महत्व’
संचालन: श्री प्रवीन श्रीवास्तव (पूर्व सचिव और CSI, MoSPI)।
पैनलिस्ट:
- सुश्री देबजानी घोष (विशिष्ट फेलो, नीति आयोग)।
- डॉ. आशीष कुमार (पूर्व महानिदेशक, MoSPI)।
- डॉ. हिमांशु (एसोसिएट प्रोफेसर, JNU)।
प्रो. अभिरूप मुखोपाध्याय (ISI, दिल्ली)। - डॉ. राजेश शुक्ला (MD & CEO, PRICE)।
5. कार्यक्रम में भागीदारी और प्रभाव
- 1,200 से अधिक प्रतिभागियों ने समारोह में भाग लिया, जिनमें शामिल थे:
- नीति निर्माता
- शोधकर्ता
- राज्य सांख्यिकी निदेशालय (DES) अधिकारी
- NSS और NSO फील्ड अधिकारी
- अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि
निष्कर्ष
NSS की 75वीं वर्षगांठ समारोह ने भारत की सांख्यिकीय प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया और इसे ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक सुधारों पर जोर दिया। डेटा-संचालित नीति निर्माण, प्रौद्योगिकी अपनाने और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के प्रयासों को इस कार्यक्रम में विशेष रूप से रेखांकित किया गया।