हनोई (वियतनाम) में 72 देशों ने एक ऐतिहासिक संधि — संयुक्त राष्ट्र साइबर अपराध विरोधी अभिसमय — पर हस्ताक्षर किए। यह अभिसमय विश्व स्तर पर साइबर अपराधों से निपटने के लिए पहली सार्वभौमिक कानूनी रूपरेखा प्रदान करता है। इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2024 में पाँच वर्षों की लंबी वार्ता के बाद अपनाया था। इसका उद्देश्य है — रैनसमवेयर, ऑनलाइन धोखाधड़ी, बाल शोषण, तथा निजी तस्वीरों के बिना सहमति साझा करने जैसे अपराधों पर वैश्विक स्तर पर रोक लगाना।
यह संधि साइबर अपराधों से निपटने के लिए वैश्विक समन्वय को सुदृढ़ करने हेतु निम्न कदमों पर बल देती है —
विधायी ढांचा (Legislative Framework): साइबर अपराधों की परिभाषा तय कर राष्ट्रीय कानूनों का मार्गदर्शन।
अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग: सीमाओं के पार जांच और अभियोजन में समन्वय के लिए 24×7 संपर्क नेटवर्क।
तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण: विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए प्रशिक्षण और संसाधन समर्थन।
इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य साझाकरण: रियल टाइम में डिजिटल साक्ष्य के आदान-प्रदान की व्यवस्था।
इस एकीकृत कानूनी ढांचे से उन देशों के बीच अंतर घटेगा जिनकी डिजिटल तैयारियाँ और अवसंरचना में असमानता है।
अभिसमय साइबर अपराधों को तीन मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत करता है —
साइबर-निर्भर अपराध (Cyber-Dependent Crimes)
अनधिकृत पहुँच (हैकिंग)
डाटा से छेड़छाड़ या सिस्टम में अवैध हस्तक्षेप
साइबर-सक्षम अपराध (Cyber-Enabled Crimes)
ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी
निजी तस्वीरों या वीडियो का बिना सहमति प्रसार
यह पहली बार है जब ऐसे अपराध को किसी अंतरराष्ट्रीय संधि में शामिल किया गया है।
बाल शोषण एवं उत्पीड़न (Child Exploitation and Abuse)
ऑनलाइन यौन शोषण
बाल अश्लील सामग्री का प्रसार
बच्चों को ऑनलाइन फँसाना या ब्लैकमेल करना
इसके अतिरिक्त, संधि —
विभिन्न देशों के बीच साक्ष्य-साझाकरण प्रणाली स्थापित करती है,
Conference of the States Parties नामक निकाय गठित करती है,
तथा संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (UNODC) को इसका सचिवालय नियुक्त करती है।
यह अभिसमय कानूनी रूप से बाध्यकारी (Legally Binding) है।
यह तब प्रभावी होगा जब 40 देश इसकी पुष्टि (Ratification) कर देंगे — और यह तारीख से 90 दिन बाद लागू हो जाएगा।
72 हस्ताक्षरकर्ताओं के साथ, यह मापदंड शीघ्र ही पूरा होने की संभावना है।
संधि के लागू होने पर Conference of the States Parties —
क्षमता निर्माण को बढ़ावा देगा,
कार्यान्वयन की निगरानी करेगा,
विवाद समाधान और तकनीकी अद्यतन सुनिश्चित करेगा।
यह साइबर अपराधों पर केंद्रित पहली वैश्विक संधि है।
इससे पहले केवल बुडापेस्ट अभिसमय (2001) जैसा क्षेत्रीय ढांचा था, जो मुख्यतः यूरोप पर केंद्रित था।
इस नई संधि में ग्लोबल साउथ के देशों (एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका) की सक्रिय भागीदारी रही।
मुख्य विशेषताएँ:
आधुनिक डिजिटल दुरुपयोग की मान्यता: निजी छवियों के बिना सहमति साझा करने को अपराध घोषित करना।
कम क्षमता वाले देशों को सहायता: प्रशिक्षण, तकनीकी संसाधन और जांच सहयोग।
सीमापार कानूनी स्पष्टता: तेज अंतरराष्ट्रीय जांच और अभियोजन की सुविधा।
| अभिसमय / मंच | वर्ष / क्षेत्र | प्रमुख फोकस | विशेषता |
|---|---|---|---|
| बुडापेस्ट अभिसमय (Council of Europe) | 2001 | इंटरनेट अपराधों पर पहला वैश्विक करार | मुख्यतः यूरोप केंद्रित, वैश्विक सदस्यता खुली |
| मालाबो अभिसमय (African Union) | 2014 | साइबर सुरक्षा और डेटा संरक्षण | अफ्रीकी देशों में क्षेत्रीय मजबूती |
| इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (IGF) | सतत मंच | डिजिटल नीति पर बहु-हितधारक संवाद | कोई कानूनी बाध्यता नहीं |
UN साइबर अपराध अभिसमय इन सबसे व्यापक है — क्योंकि यह एक सार्वभौमिक कानूनी मानक प्रदान करता है।
यह संधि विकासशील देशों को साइबर अपराध से निपटने के लिए वैश्विक नेटवर्क में जोड़ती है —
कानून प्रवर्तन प्रशिक्षण
डिजिटल साक्ष्य संग्रहण उपकरण
अंतरराष्ट्रीय अभियोजन ढांचा
साइबर फॉरेंसिक विशेषज्ञता
इससे साइबर न्याय की वैश्विक पहुंच मजबूत होगी और कानूनी क्षमता की असमानता घटेगी।
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| अभिसमय का नाम | संयुक्त राष्ट्र साइबर अपराध विरोधी अभिसमय |
| हस्ताक्षर स्थल | हनोई, वियतनाम |
| हस्ताक्षरकर्ता देश | 72 |
| स्वीकृति वर्ष | 2024 (संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा) |
| प्रवर्तन तिथि | 40 देशों की पुष्टि के 90 दिन बाद |
| मुख्य विशेषताएँ | कानूनी रूप से बाध्यकारी, साक्ष्य साझाकरण, 24×7 सहयोग नेटवर्क, तकनीकी सहायता |
| प्रशासनिक निकाय | संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (UNODC) |
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