लोकसभा द्वारा नाबार्ड से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बाहर निकलने के लिए और विकास संस्थान की अधिकृत पूंजी को 6 गुना से बढ़ाकर 30,000 करोड़ रूपए तक लाने के लिए एक बिल पारित किया गया है.
बिल के संदर्भ में महत्वपूर्ण तथ्-
- नाबार्ड की पूँजी में वृद्धि: वर्तमान में नाबार्ड की अधिकृत पूंजी 5,000 करोड़ रुपये है और इसमें 30,000 करोड़ रुपये तक का निवेश करने का प्रस्ताव है.
- केंद्रीय सरकार को आरबीआई के शेयरों का स्थानांतरण:वर्तमान में नाबार्ड में, केंद्र का 99.6% हिस्सा है और आरबीआई का शेष हिस्सा है.
- विधेयक के विकल्प, कंपनी अधिनियम,2013 के संदर्भ के साथ नाबार्ड अधिनियम, 1981 के तहत कंपनी अधिनियम, 1956 के प्रावधानों का संदर्भ देते हैं।
- MSME विकास अधिनियम, 2006 में परिभाषित के रूप में ‘माइक्रो एंटरप्राइज’, ‘छोटे उद्यम’ और ‘मध्यम उद्यम’ की शर्तों के साथ विधेयक में शब्द ‘छोटे पैमाने पर उद्योग’ और ‘छोटे और विकेन्द्रीकृत क्षेत्र में उद्योग’ की जगह है.
उपरोक्त समाचार से महत्वपूर्ण तथ्य-
- नाबार्ड की स्थापना 1982 में हुई थी
- नाबार्ड का मुख्यालय मुंबई में है.
- हर्ष कुमार भंवला नाबार्ड के अध्यक्ष हैं.
Source- The Hindu