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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का समापन

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का समापन हुआ है। पहला समिट जनवरी 2023 में आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में दूसरे समिट को आयोजित करने का फैसला लिया गया था। हमारे पास एक नेता स्तरीय और आठ मंत्रिस्तरीय सत्र थे।

 

दूसरे समिट की थीम

दूसरे समिट की थीम ‘सबका विश्वास के साथ सभी का विकास’ क्वात्रा ने कहा कि यह भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन को प्रतिध्वनित करता है। यह ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के विजन का विस्तार है।

 

ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का भी उद्घाटन

विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री ने ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एक थिंक टैंक के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा कि यह ग्लोबल साउथ के साथ इंटरफेस करने के लिए ज्ञान और विकास पहलों के भंडार के रूप में भी काम करेगा और ग्लोबल साउथ देशों में अपने समकक्षों के साथ मजबूत सहयोग बनाने के तरीकों की तलाश करेगा।

 

चार प्रमुख फैसलों के क्रियान्वयन के बारे में

विदेश सचिव ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारी क्षमताओं का ग्लोबल साउथ के देशों के बीच आदान-प्रदान किया जा सके, इसके लिए चार प्रमुख फैसलों के क्रियान्वयन के बारे में बात की- आरोग्य मैत्री पहल, ग्लोबल साउथ साइंस एंड टेक, ग्लोबल साउथ स्कॉलरशिप प्रोग्राम और ग्लोबल साउथ यंग डिप्लोमेट फोरम के जरिए ग्लोबल साउथ के साथ सहयोग।

 

सम्मेलन में लगभग 130 देशों के नेताओं की भागीदारी

शिखर सम्मेलन में लगभग 130 देशों के नेताओं की भागीदारी के बारे में बात करते हुए, मोदी ने कहा कि इससे जो संदेश निकला वह यह है कि ग्लोबल साउथ वैश्विक मामलों में बड़ी जिम्मेदारियां लेने के लिए तैयार है और वह स्वायत्तता चाहता है। पीएम मोदी ने हिंदी में कहा कि वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का संदेश यह है कि ग्लोबल साउथ वैश्विक शासन में अपनी आवाज चाहता है। भारत को G20 जैसे मंच के एजेंडे में ग्लोबल साउथ की आवाज रखने का अवसर मिलने पर गर्व है।

ग्लोबल साउथ छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू

पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू हो गया है। अब ग्लोबल साउथ देशों के छात्रों को भारत में उच्च शिक्षा के अधिक अवसर मिलेंगे। इस वर्ष तंजानिया में भारत का पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर खोला गया है। ग्लोबल साउथ में क्षमता निर्माण के लिए यह हमारी नई पहल है।

 

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vikash

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