संयुक्त राष्ट्र ने 24 मार्च को सकल मानवाधिकार उल्लंघनों से संबंधित सत्य के अधिकार और पीड़ितों की गरिमा (International Day for the Right to the Truth concerning Gross Human Rights Violations and for the Dignity of Victims) के लिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाने के लिए मान्यता दी है। इस दिन का उद्देश्य उन लोगों को श्रद्धांजलि देना है जिन्होंने सभी के लिए मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के संघर्ष में अपना जीवन समर्पित कर दिया है या अपनी जान गंवा दी है।
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दिन का इतिहास:
यह दिन हर साल 24 मार्च को “मॉन्सिग्नर ऑस्कर अर्नुल्फो रोमेरो” (“Monsignor Óscar Arnulfo Romero”) को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है, क्योंकि 24 मार्च 1980 को उनकी हत्या कर दी गई थी। वह अल सल्वाडोर में सबसे कमजोर या हीन माने जाने वाले व्यक्तियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन की आलोचना करने में सक्रिय रूप से लगे हुए थे। दिसंबर 2010 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवता के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न को ना कहने के लिए इस दिन की घोषणा की गई थी।
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