विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ भारत ने ‘कार्रवाई के लिए कॉल’ पर हस्ताक्षर किए और 2030 तक टीबी को समाप्त करने के लिए उपाय करने के लिए वचन दिया.
दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में अन्य देशों के बीच भारत में वैश्विक तपेदिक का आधा हिस्सा है. भारत में सालाना टीबी के 2.8 लाख नए मामले दर्ज किये जाते हैं और इस बीमारी से लगभग पांच लाख मौतें हुई हैं.
क्षेत्र के छह देश बांग्लादेश, डीपीआर कोरिया, भारत, इंडोनेशिया, म्यांमार और थाईलैंड, विश्व के 30 सबसे ज्यादा टीबी वाले देशों में से हैं.
स्रोत – बिज़नेस स्टैण्डर्ड