अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस (The International Day of Charity) 05 सितंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस दिन को स्वयंसेवी और लोक-हितैषी कार्यक्रमों के माध्यम से दूसरों की मदद करने के लिए दुनिया भर के लोगों, गैर सरकारी संगठनों और हितधारकों को संवेदनशील बनाने और जुटाने के लिए मनाया जाता है। साथ ही यह दिन मानवीय संकटों और राष्ट्रों के भीतर और मानवीय पीड़ा को कम करने में दान द्वारा निभाई जाने भूमिका को भी चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है।
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इस दिन का उद्देश्य:
अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस का मुख्य उद्देश्य स्थानीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्तियों, धर्मार्थ, परोपकारी और स्वयंसेवी संगठनों के लिए दुनिया भर में चैरिटी से संबंधित गतिविधियों के लिए जागरूकता बढ़ाना और एक साझा मंच प्रदान करना है।
कैसे मनाया जाता है इंटरनेशनल चैरिटी डे?
इस दिन संयुक्त राष्ट्र सभी सदस्य राष्ट्रों, विभिन्न संगठनों और दुनियाभर के लोगों ये यह अपील करता है कि वो भी दान में अपना योगदान देकर इंटरनेशनल चैरिटी डे बनने के मकसद को सफल बनाएं। इस दिन चैरिटी के महत्व को समझाया जाता है और लोगों को दान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इंटरनेशनल चैरिटी डे का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र ने 05 सितंबर को कलकत्ता में हुए मदर टेरेसा के निधन की वर्षगांठ को चिन्हित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस के रूप में घोषित किया था। 5 सितंबर को मदर टेरेसा की पुण्यतिथि मनाने के लिए चुना गया था, जो हमेशा धर्मार्थ कार्यों में लगी रहीं। मदर टेरेसा को 1979 में “गरीबी और संकट” से उबरने के संघर्ष में किए गए काम के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। साल 2012 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इंटरनेशनल चैरिटी डे की आधिकारिक तौर पर घोषणा की, जिसका समर्थन सभी देशों ने किया।