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केंद्र सरकार ने फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 की मेजबानी के लिए गारंटी पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी

केंद्र सरकार ने फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 की मेजबानी के लिए गारंटी पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी |_3.1

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) अंडर-17 महिला विश्व कप 2022’ की मेजबानी के लिए गारंटी पर हस्ताक्षर करने को बुधवार को मंजूरी दे दी। सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । ‘फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022’ भारत में 11 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2022 के बीच आयोजित किया जाएगा। द्विवार्षिक युवा टूर्नामेंट का सातवां संस्करण पहला ऐसा फीफा महिला टूर्नामेंट होगा जिसकी मेजबानी भारत करेगा।

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मुख्य बिंदु


  • फीफा अंडर-17 पुरुष विश्व कप 2017 से जुड़ी सकारात्मक विरासत को आगे बढ़ाते हुए देश महिला फुटबॉल के लिए एक विशिष्‍ट क्षण की तैयारी कर रहा है जिस दौरान दुनिया भर की सर्वश्रेष्ठ युवा महिला फुटबॉल खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को हासिल करने के लिए अपने अद्भुत कौशल का प्रदर्शन करेंगी।
  • अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को खेल के मैदान के रख-रखाव, स्टेडियम में बिजली, ऊर्जा एवं केबल बिछाने, स्टेडियम और प्रशिक्षण स्‍थलों की ब्रांडिंग, इत्‍यादि के लिए 10 करोड़ रुपये की सहायता के वित्तीय परिव्यय की पूर्ति ‘राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को सहायता योजना’ के लिए बजटीय आवंटन से की जाएगी।
  • फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप भारत 2022 में देश में महिला फुटबॉल को मजबूत बनाने की असीम क्षमता है।
  • फीफा अंडर-17 पुरुष विश्व कप 2017 से जुड़ी सकारात्मक विरासत को आगे बढ़ाते हुए देश महिला फुटबॉल के लिए एक विशिष्‍ट क्षण की तैयारी कर रहा है जिस दौरान दुनिया भर की सर्वश्रेष्ठ युवा महिला फुटबॉल खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को हासिल करने के लिए अपने अद्भुत कौशल का प्रदर्शन करेंगी। 

एक सकारात्मक विरासत को पीछे छोड़ने के लिए निम्न उद्देश्यों पर विचार किया गया है: 

  • फुटबॉल के नेतृत्व और निर्णय लेने वाली संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना।
  • भारत में अधिक से अधिक बालिकाओं को फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित करना।
  • छोटी उम्र से ही समान खेल की अवधारणा को सामान्य बनाकर महिला-पुरुष समावेशी भागीदारी को बढ़ावा देना। 
  • भारत में महिलाओं के लिए फुटबॉल मानकों को बेहतर करने का अवसर प्रदान करना।
  • महिलाओं के खेल का व्यावसायिक महत्व बढ़ाना।

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