केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव (Bhupender Yadav) की उपस्थिति में, बेहतर पर्यावरण के लिए हमारी जीवन शैली में किए जा सकने वाले छोटे बदलावों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए शुभंकर ‘प्रकृति (Prakriti)’ का आज शुभारंभ किया गया। साथ ही देश में प्रभावी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (PWM) सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा विभिन्न हरित पहल शुरू की गयी है।
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प्रमुख बिंदु:
- प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए, भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) को खत्म करने का संकल्प लिया।
- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने जनसमूह को आगे बढ़ाने और सक्रिय नागरिक जुड़ाव के महत्व पर जोर देते हुए ‘स्वच्छ भारत हरित भारत हरित प्रतिज्ञा’ भी दिलाई।
- प्लास्टिक हमारे समय की सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चिंताओं में से एक के रूप में उभरा है। भारत हर साल 35 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा करता है, जिसमें प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरा पिछले पांच वर्षों में लगभग दोगुना हो गया है।
- प्लास्टिक प्रदूषण से हमारे पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान होता है, जो वायु प्रदूषण से भी जुड़ा है।
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