भारत में, गुड गवर्नेंस डे (सुशासन दिवस) प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन देश भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की जयंती मनाता है। इसी सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए सुशासन दिवस को सरकार के लिए कार्य दिवस घोषित किया गया है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
हिन्दू रिव्यू नवम्बर 2021, Download Monthly Hindu Review PDF in Hindi
दिन का महत्व:
इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के छात्रों और नागरिकों को सरकार के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के बारे में बताना है जिसे उन्हें पूरा करने की आवश्यकता है। सुशासन दिवस सरकार को उनकी जिम्मेदारियों के बारे में एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है और सरकार को निष्पक्ष, पारदर्शी और विकासोन्मुख होना चाहिए।
दिन का इतिहास:
23 दिसंबर 2014 को, पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय (Pandit Madan Mohan Malaviya) को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न (Bharat Ratna) प्राप्त करने की घोषणा की गई थी। घोषणा के बाद, नवनिर्वाचित प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।
अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में:
अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। उनका पहला कार्यकाल 1996 में केवल 13 दिनों के लिए था। उन्होंने मार्च 1998 से अप्रैल 1999 तक तेरह महीने की अवधि के लिए अपना दूसरा कार्यकाल और फिर 1999 से 2004 तक पूर्ण कार्यकाल के लिए सेवा की। संसद में उनका पहला प्रवेश 1962 में राज्यसभा के माध्यम से हुआ था। वे सात बार लोकसभा के लिए चुने गए। 2015 में, श्री वाजपेयी को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।