फिजियोलॉजी या मेडिसिन 2020 में नोबेल पुरस्कार के लिए हार्वे जे. अल्टर (अमेरिका), चार्ल्स एम. राइस (अमेरिका) और माइकल ह्यूटन (ब्रिटेन) को संयुक्त रूप से उनकी हेपेटाइटिस C वायरस की खोज के लिए प्रदान किया गया। नोबेल समिति के प्रमुख, थॉमस पेरल्मन ने स्टॉकहोम में विजेताओं की घोषणा करते हुए बताया कि इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार उन तीन वैज्ञानिकों को दिया गया है जिन्होंने रक्त-जनित हेपेटाइटिस के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक योगदान दिया है, जो एक प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, जो दुनिया भर के लोगों में सिरोसिस और यकृत कैंसर का कारण बनती है।
हार्वे जे. ऑल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम. राइस ने सेमिनल डिस्कवरी की हैं, जिसके कारण एक नावेल वायरस, हेपेटाइटिस C वायरस की पहचान हुई। उनकी इस खोज से पहले, हेपेटाइटिस A और B वायरस की खोज महत्वपूर्ण कदम था, लेकिन रक्त-जनित हेपेटाइटिस के अधिकांश मामले कभी स्पष्ट नही हो सके थे। हेपेटाइटिस C वायरस की खोज ने क्रोनिक हेपेटाइटिस के शेष मामलों के कारण का पता लगाया और रक्त परीक्षण और नई दवाओं को संभव बनाया जिसने लाखों लोगों की जान बचाई है।
नोबेल पुरस्कार के बारे में :
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर ($ 1,118,000 से अधिक) की पुरस्कार राशि के साथ दिया जाता है, नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में वर्ष 1901 में शुरू किया गया यह शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है।
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