भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुद्रा नोटों की प्राप्ति, भंडारण और भेजने के लिए जयपुर में एक स्वचालित बैंक प्रसंस्करण केंद्र (Automated Banknote Processing Centre-ABPC) स्थापित करने का निर्णय लिया है। ABPC के कार्यों में करेंसी चेस्ट (सीसी) और बैंक शाखाओं से प्राप्त बैंकनोटों का प्रसंस्करण और स्वचालित तरीके से गंदे/अमान्य बैंकनोटों को नष्ट करना भी शामिल होगा। प्रचालन में बैंकनोट्स की मात्रा मार्च 2001 से मार्च 2019 तक तीन गुना बढ़ गई है और आने वाले वर्षों में इसके ओर अधिक बढ़ने की उम्मीद है।
RBI के बैंकनोटों के बारे में:
- RBI देश में बैंकनोटों का एकमात्र जारीकर्ता है, और साथ ही मुद्रा के प्रबंधन और इसके सभी पहलुओं के लिए जिम्मेदार है।
- RBI को चार प्रिंटिंग प्रेस और चार टकसालों से सिक्कों की आपूर्ति की जाती है।
- नए बैंकनोट और सिक्के देश भर में स्थित बैंक के 19 निर्गम कार्यालयों में प्राप्त किए जाते हैं, जहाँ से RBI के साथ एक एजेंसी समझौते के तहत अनुसूचित बैंकों द्वारा संचालित लगभग 3,300 CC को वितरित किए जाते हैं।
- CC भंडारगृहों के रूप में कार्य करता है और वहां रखी मुद्रा जनता को वितरण के लिए विभिन्न बैंक शाखाओं/एटीएम नेटवर्क को वितरित करता है।
- प्रचलन से हटाए गए अमान्य नोटों को एक मुद्रा सत्यापन और प्रसंस्करण प्रणाली (Currency Verification and Processing System CVPS) के माध्यम से सत्यापित किया जाता है और कतरन द्वारा नष्ट कर दिया जाता है।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- RBI के 25 वें गवर्नर: शक्तिकांत दास; मुख्यालय: मुंबई; स्थापित: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता.