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आखिरकार बंद हुआ उत्तरी ध्रुव के ऊपर बना ओजोन परत का सबसे बड़ा छेद

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कॉपरनिकन एटमॉस्फियर ऑबजरवेशन सर्विस (CAMS) से ओजोन छेद पर निगरानी कर रहे वैज्ञानिकों ने घोषणा की है कि उत्तरी ध्रुव में बना ओजोन छेद अब पूरी तरह से बंद हो गया है। उनके द्वारा बताया गया कि आर्कटिक के ऊपर 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैली ओजोन परत में हुआ सबसे बड़ा छेद असामान्य वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण अब बंद हो गया है। इस ओजोन छेद की पहचान वैज्ञानिकों ने पहली बार मार्च 2020 में की थी।

इस छेद के बंद होने की पुष्टि कोपर्निकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) और कोपरनिकस एटमॉस्फेरिक मॉनिटरिंग सर्विसेज (CAMS) द्वारा यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट (ECMWF) ने की है


जुलाई से सितंबर के बीच दक्षिणी ध्रुव पर अंटार्कटिक के ऊपर ओजोन परत में इस प्रकार का छेद होना एक सामान्य घटना हैं लेकिन इस समय में आर्कटिक के ऊपर ओजोन परत में हुआ छेद असामान्य था। इससे पहले 2011 में लगभग एक दशक पहले आर्कटिक में इस प्रकार के ठोस रासायनिक ओजोन की कमी देखी गई थी।
क्या होती है ओजोन परत?

पृथ्वी के वायुमंडल में क्षोभमंडल (Troposphere) और समतापमंडल के बीच करीब 15 से 30 किलोमीटर में ओजोन की बहुतायात होती है जिसे ओजोन परत कहते हैं। यह सूर्य से आने वाली हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने में सक्षम होती है। ओजोन परत में छेद का मतलब उस क्षेत्र में ओजोन की मात्रा बहुत ही कम हो जाना होता है।

Copernicus Climate Change Service के बारे में:-

कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) यूरोपीय संघ की जलवायु निगरानी सेवा है। C3S अनुकूलन जलवायु परिवर्तन पर अध्ययन और निगरानी करने के लिए सहम समूह हैं। यह समय पर, विश्वसनीय, और उपयोगकर्ता-उन्मुख उपकरणों के माध्यम से जलवायु और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जानकारी और ज्ञान प्रदान करता है।

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