नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन को पीएम मोदी द्वारा संबोधित किया गया था। इस सम्मेलन की थीम “Gender Just World” थी। इस एक दिवसीय सम्मेलन का टॉपिक “Judiciary and The Changing World” था।
इस सम्मेलन में भारत सरकार द्वारा सशस्त्र बलों में महिलाओं की भर्ती, लड़ाकू पायलटों की चयन प्रक्रिया में बदलाव और खानों में रात में काम करने की स्वतंत्रता सहित लैंगिक समानता लाने के लिए किए गए परिवर्तनों पर विचार-विमर्श किया गया। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मानवीय विवेक के तालमेल से भारत में न्यायिक प्रक्रियाओं में और अधिक तेजी आने की संभावना है। केंद्र ने अदालती प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड की स्थापना की है।
सम्मेलन में जल्दी न्याय देने के लिए जरुरी प्रौद्योगिकी की आवश्यकता पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। सम्मलेन में भारत के प्रत्येक न्यायालय को ई-कोर्ट प्रणाली के साथ एकीकृत करने के लिए भारत सरकार के “ई-कोर्ट इंटीग्रेटेड मिशन मोड प्रोजेक्ट” पहल पर प्रकाश डाला गया।



अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 2025: इत...
भारतीय टीम ने नासा स्पेस ऐप्स चैलेंज में...
Hurun India 2025: सेल्फ-मेड अरबपतियों मे...

