डोरस्टेप बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए, भारतीय रेलवे के दक्षिण मध्य क्षेत्र ने भारतीय स्टेट बैंक के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. एमओयू के अनुसार, दक्षिण मध्य क्षेत्र के 585 रेलवे स्टेशनों पर डोरस्टेप बैंकिंग सुविधा प्रदान की जाएगी. “डोरस्टेप बैंकिंग” सुविधा रेलवे स्टेशनों से आमदनी को सीधे लेने में सक्षम होगी और ट्रेनों द्वारा नकद सुरक्षा जटिल गतिविधियों को समाप्त करगी.
प्रेषण की वर्तमान प्रक्रिया?
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से पहले, छोटे रेलवे स्टेशनों की रोजमर्रा की कमाई को मनोनीत गाड़ियों के गार्ड के साथ मैन्युअल रूप से भेजा जाता था. बड़े स्टेशनों के लिए, अब तक रेलवे अपने स्टेशनों पर प्राप्त नकदी को ट्रेन के जरिये ‘तिजौरियों में बैंक तक भेजता है. यह काफी जटिल काम है तथा इसमें जोखिम भी होता है। साथ ही इसमें मानव श्रम की भी खपत होती है.
डोरस्टेप बैंकिंग सुविधा के प्रावधान के लाभ:
- नकदी प्रेषण तकनीक सभी रेलवे स्टेशनों के लिए एक समान होगी.
- विभिन्न स्टेशनों द्वारा जमा की जा रही नकदी की वास्तविक समय की जानकारी से बेहतर पर्यवेक्षण और जवाबदेही होगी.
- रेलवे स्टेशनों पर नकदी के अनावश्यक संचय से उपरोक्त सुविधा से बचा जा सकता है.
प्रभाव:
हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन से डोर स्टेप बैंकिंग की शुरुआत होगी जिससे वित्तीय लेनदेन की गति बढ़ेगी. यह सुविधा रेलवे की नकद कमाई के प्रेषण को भी डिजिटल करेगी. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ट्रैफिक की कमाई इकट्ठा करेगा और प्रक्रिया को परेशानी मुक्त बना देगा. एकत्रित राशि को सरकारी खाते में स्थानांतरित किया जाएगा, इस प्रकार इस प्रक्रिया में किसी भी देरी से बचा जा सकता है.
उपरोक्त समाचार से महत्वपूर्ण तथ्य:
- SBI के अध्यक्ष: रजनीश कुमार; मुख्यालय: मुंबई; स्थापित: 1 जुलाई 1955.
- केंद्रीय रेल मंत्रालय के मंत्री: पीयूष गोयल.