शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 500 सूचीबद्ध कंपनियों के अध्यक्ष और MD (प्रबंध निदेशक) या मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के पदों को अलग करने की समय सीमा को 2 साल आगे बढ़ा दिया है। ये नियम अब 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी होंगे।
सेबी का उद्देश्य शीर्ष कंपनियों के बोर्ड और प्रबंधन को अलग-अलग करना है। सेबी ने 2018 में शीर्ष 500 सूचीबद्ध कंपनियों को अप्रैल 2020 तक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के पद को अलग करने के निर्देश दिए थे। अध्यक्ष-एमडी पद को अलग-अलग करने का नियम कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर सेबी द्वारा नियुक्त उदय कोटक (कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी) समिति की सिफारिशों का हिस्सा हैं।
चेयरमैन और एमडी या सीईओ की एक पोस्ट होने से बोर्ड ऑफ डायरेक्टर और मैनेजमेंट के हितों में टकराव की आशंका रहती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत कई कंपनियों में चेयरमैन और एमडी की जिम्मेदारी एक ही व्यक्ति संभाल रहा है। अन्य स्टॉक एक्सचेंजों के आकड़ो के अनुसार वर्तमान परिदृश्य में, शीर्ष 500 सूचीबद्ध कंपनी का केवल 50% ही उपरोक्त नियामक प्रावधान के अनुपालन में है। सेबी को उद्योग नियामक संस्थाओं जैसे फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और भारतीय उद्योग परिसंघ सहित उपरोक्त नियामक आवश्यकता के संबंध में विभिन्न अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं।
यह निर्णय कॉरपोरेट्स की मांग पर लिया गया है। इसके पीछे एक वजह मौजूदा आर्थिक सुस्ती में अनुपालन बोझ को कम करना भी है।
उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- सेबी मुख्यालय: मुंबई, अध्यक्ष: अजय त्यागी