रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाइपरसॉनिक हथियार मिसाइल बनाने पर काम करना शुरू कर दिया है. इन हाइपरसॉनिक मिसाइलों की गति ध्वनि से पांच गुना अधिक है या यह एक सेकंड में एक मील से ज्यादा की दूरी तय करती हैं. हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण के लिए एक विंड टनल जल्द ही चालू किया जाएगा.
इन मिसाइलों को विशेष रूप से मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर लक्ष्य को ध्वस्त करने के लिए बनाया गया है. इन मिसाइल के ज़रिये लंबी दूरी तक परमाणु और परंपरागत मुखास्त्र भेजे जा सकेंगे और इन मिसाइलों को मार गिराना और इनका पीछा कर पाना करीब नामुमकिन होगा.
- DRDO के चेयरमैन: जी सतीश रेड्डी; स्थापना: 1958; मुख्यालय: नई दिल्ली.
स्रोत: द हिंदुस्तान टाइम्स

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