1995 से मुंबई और जेद्दाह के बीच हज यात्रियों को नौकायन से भेजना बंद कर दिया गया था. पहली बार, भारत की मुस्लिम महिलाएँ “मेहरम” (पुरुष साथी) के बिना हज में जाएंगी. सऊदी अरब में हज श्रद्धालु और इन महिलाओं के लिए अलग-अलग आवास और परिवहन व्यवस्था की गई है और उनकी सहायता के लिए महिला “हज सहायक” तैनात किए जाएंगे.
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