केंद्र सरकार ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया. गृह मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया था कि यह निर्णय गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत लिया गया था, जिसमें भारत में निर्दोष लोगों और पुलिस अधिकारियों की हत्या और नागरिक ठिकानों पर कई बम विस्फोटों की कथित संलिप्तता थी. KLF और इसके सभी अभिव्यक्तियों को गैरकानूनी गतिविधि प्रतिबंध अधिनियम के तहत घोषित किया गया है.
स्रोत- AIR वर्ल्ड सर्विस
- एमएचए अधिसूचना के अनुसार, KLF की स्थापना "हिंसक साधनों के माध्यम से भारत गणराज्य से पंजाब राज्य की रक्षा करके खालिस्तान के एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना का उद्देश्य" 1986 में अरूर सिंह और सुखविंदर सिंह बब्बर द्वारा की गई थी.

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