देश में 25 फरवरी को राष्ट्रीय समर स्मारक की पहली वर्षगांठ मनाई गई। ये स्मारक स्वतंत्रता के बाद विभिन्न युद्धों और आतंरिक सुरक्षा चुनौतियों के दौरान प्राणों का बलिदान देने वाले वीरों को समर्पित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले वर्ष 25 फरवरी को स्मारक को राष्ट्र को समर्पित किया गया था। यहां प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (Chief of the Defence Staff) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रीय समर स्मारक उन सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन और शांति कायम करने के मिशनों के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था। भारतीय सशस्त्र बलों के 25 हजार से अधिक सैनिकों ने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना जीवन लगा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार इस साल गणतंत्र दिवस पर अमर जवान ज्योति के बजाय राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। स्मारक नागरिकों में उच्च नैतिक मूल्यों, बलिदान और राष्ट्रीय गौरव की भावना को बढ़ाने में मदद करता है। पिछले वर्ष से अब तक भारतीयों एवं विदेशी लोगों सहित 21 लाख से अधिक लोगों ने स्मारक का दौरा किया है।