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13वां राष्ट्रीय बीज सम्मेलन वाराणसी में शुरू हुआ

13वां राष्ट्रीय बीज सम्मेलन 2024, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित, 28 नवंबर 2024 को श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वर्चुअल माध्यम से उद्घाटित किया गया। यह तीन दिवसीय सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (ISARC), वाराणसी में आयोजित हुआ।

मुख्य बिंदु

उद्घाटन समारोह

  • श्री शिवराज सिंह चौहान ने उद्घाटन भाषण में भारत की बीज क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका को रेखांकित किया।
  • प्रमुख उपस्थित अतिथि:
    • श्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश।
    • डॉ. देवेश चतुर्वेदी, सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण।
    • डॉ. यवोन पिंटो, महानिदेशक, IRRI।
    • डॉ. सुधांशु सिंह, निदेशक, ISARC।

प्रमुख विषय और संदेश

  • सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी को मजबूत बनाना।
  • जैव विविधता और प्रौद्योगिकी के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और जलवायु सहनशीलता को बढ़ावा देना।
  • गुणवत्तापूर्ण बीजों की पहुंच और affordability सुनिश्चित करना।

लॉन्च और पहल

  • सारांश पुस्तिका और राइस फॉलो वेबपेज एवं एटलस का विमोचन।
    • राइस फॉलो एटलस पूर्वी भारतीय राज्यों (बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल) के लिए भू-स्थानिक तकनीक का उपयोग करता है।
    • इसका उद्देश्य फसल योजना को अनुकूलित करना और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना है।

प्लेनरी सत्र

  1. वैश्विक बीज क्षेत्र में भारत की भूमिका
    • भारत के बीज बाजारों में वृद्धि की संभावनाओं पर चर्चा।
    • वक्ता: डॉ. हंस भारद्वाज (IRRI), मि. अजय राणा (FSII), मि. मोहन बाबू (Corteva)
  2. बीज क्षेत्र में साउथ-साउथ सहयोग को बढ़ावा
    • ग्लोबल साउथ देशों के बीच साझेदारी पर बल।
    • वक्ता: डॉ. राबे याहया (ISARC), डॉ. प्रतिभा सिंह, डॉ. गंगा आचार्य
  3. सार्वजनिक-निजी साझेदारी के माध्यम से बीज क्षेत्र को मजबूत बनाना
    • सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग के लिए रणनीतियों पर चर्चा।

साइड इवेंट और तकनीकी सत्र

  1. राइस फॉलो और सिस्टम इंटेंसिफिकेशन के लिए भू-स्थानिक तकनीक का उपयोग
    • अध्यक्षता: श्रीमती शुभा ठाकुर
    • पूर्वी भारत के लिए नवाचार रणनीतियों पर चर्चा।
  2. उभरती बीज तकनीकें, गुणवत्ता आश्वासन और नियामक मानक
    • बीज उद्योग को आकार देने वाली प्रगति और ढांचागत सुधारों पर ध्यान केंद्रित।

उत्तर प्रदेश पर विशेष ध्यान

  • श्री सूर्य प्रताप शाही ने राज्य के कृषि योगदान को रेखांकित किया।
  • प्रमुख पहल:
    • 200 बीज पार्क की योजना।
    • तिलहन और मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती पर ध्यान।

सारांश तालिका: 13वां राष्ट्रीय बीज सम्मेलन 2024

पहलू विवरण
समाचार में क्यों? केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने वाराणसी में 13वें राष्ट्रीय बीज सम्मेलन का उद्घाटन किया।
तिथियां 28-30 नवंबर, 2024
मुख्य पहलें सारांश पुस्तिका का विमोचन।
राइस फॉलो वेबपेज और एटलस (पूर्वी भारत) का शुभारंभ।
प्लेनरी सत्र 1. वैश्विक बीज क्षेत्र में भारत की भूमिका।
2. बीज क्षेत्र में साउथ-साउथ सहयोग को बढ़ावा।
3. सार्वजनिक-निजी साझेदारी द्वारा बीज क्षेत्र को मजबूत बनाना।
साइड इवेंट “पूर्वी भारत के लिए भू-स्थानिक तकनीक के माध्यम से राइस फॉलो और सिस्टम इंटेंसिफिकेशन को लक्षित करना।”
तकनीकी सत्र “उभरती बीज तकनीकें, गुणवत्ता आश्वासन और नियामक मानक।”
मुख्य फोकस क्षेत्र बीज की पहुंच और किफायती दर।
जलवायु-सहनशील कृषि।
सार्वजनिक-निजी सहयोग।
उत्तर प्रदेश पहलें – 200 बीज पार्क।
– तिलहन और मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती बढ़ाना।
प्रौद्योगिकी उपयोग फसल योजना के लिए भू-स्थानिक मैपिंग (राइस फॉलो एटलस)।
वैश्विक चुनौतियां – खाद्य सुरक्षा।
– जलवायु परिवर्तन।
सहयोग पर ध्यान बीज प्रणालियों को मजबूत करने के लिए क्षेत्रीय और साउथ-साउथ साझेदारी।
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