संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 12 सितंबर को दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for South-South Cooperation) मनाया जाता है। यह दिन विकासशील देशों के बीच सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालता है।
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यह दिन दक्षिण के क्षेत्रों और देशों द्वारा हाल के वर्षों में किए गए आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है। विकासशील देशों में पारस्परिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों को भी उजागर करता है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए, यह पहल स्पष्ट रूप से दक्षिण के लोगों और देशों के बीच एकजुटता को दर्शाती है। यह लोगों की राष्ट्रीय और सामूहिक आत्मनिर्भरता और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहमत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के साथ-साथ सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा को भी दर्शाता है।
दक्षिण-दक्षिण सहयोग की शुरुआत साल 1949 में आर्थिक और सामाजिक परिषद द्वारा संयुक्त राष्ट्र तकनीकी सहायता कार्यक्रम की स्थापना और साल 1969 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के निर्माण के साथ हुई थी। साल1978 में, TCDC पर ग्लोबल साउथ सम्मेलन का आयोजन विकासशील देशों के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने और लागू करने के लिए ब्यूनस आयर्स प्लान ऑफ एक्शन (BAPA) को अपनाया। इसे दक्षिण-दक्षिण सहयोग के मुख्य स्तंभों में से एक माना जाता है।
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